Friday 22 April 2016

Earth Day

"हमारी सुन्दर अन्तरिक्षयान पृथ्वी के लिए केवल शांतिपूर्वक और ख़ुशी से युक्त पृथ्वी दिवस आयें, क्योंकि यह एक उष्ण और मृदु जीवंत प्राण के भार को उठाकर इस स्नेहरहित अन्तरिक्ष में निरंतर घूर्णन और वृत्तीय गति करती है"
क्या लगता नहीं कि यही सन्देश भारतीय संस्कृति पुरातन काल से दे देती रही है ?
 
शिव सूत्र में भी कहा गया है : योनिवर्गः कलाशरीरम.ह
Shiva Sutra 3: Yonivargah kalasariram
Essence: The whole world is one yoni, one body. Within that, all different types of bodies have emerged from one consciousness. This body is a piece of art; created out of the five elements and belongs to the universe
पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाताा है।
व्यापक पर्यावरण प्रदूषण की प्रतिक्रिया स्वरुप, विस्कोंसिन से एक अमेरिकी सीनेटर, जेराल्ड नेल्सन ने एक पर्यावरणी शिक्षण, या पृथ्वी दिवस की शुरुआत 22 अप्रैल 1970 को की. अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है।
सीनेटर नेल्सन ने, एक पर्यावरणी मुद्दे के लिए लोकप्रिय राजनैतिक समर्थन के प्रदर्शन की आशा में, इस उत्सव के आयोजन में मुख्य भूमिका निभायी थी !
कुछ पर्यावरणवादी पृथ्वी दिवस के समालोचक भी बन गए,उनका दावा था कि पृथ्वी दिवस पर्यावरण के खरखाव को सीमित करने का प्रतीक है ! 5 मई 2009 को द वॉशिंगटन टाईम्स ने इसकी तुलना अर्बोर दिवस से की, और दावा किया कि अर्बोर दिवस पेड़ों का एक खुश, गैर-राजनैतिक उत्सव है, जबकि पृथ्वी दिवस एक निराशावादी, राजनैतिक विचार है जो मानव में नकारात्मक रोशनी को दर्शाता है।
पृथ्वी दिवस के लिए जानबूझकर लेनिन के सौंवें जन्मदिन (22 अप्रैल 1970 व्लादिमीर लेनिन का 100 वां जन्मदिन था ) को चुनने के लिए भी आलोचना हुयी !
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव यु थांट ने इस वार्षिक घटना को मनाने के लिए मैक कोनेल की विश्वस्तरीय शुरुआत को समर्थन दिया और 26 फरवरी 1971 को उन्होंने इस प्रभाव के लिए घोषणा पर हस्ताक्षर किये, जिसमें कहा गया था:
"हमारी सुन्दर अन्तरिक्षयान पृथ्वी के लिए केवल शांतिपूर्वक और ख़ुशी से युक्त पृथ्वी दिवस आयें, क्योंकि यह एक उष्ण और मृदु जीवंत प्राण के भार को उठाकर इस स्नेहरहित अन्तरिक्ष में निरंतर घूर्णन और वृत्तीय गति करती है"
पृथ्वी दिवस * वसुधैव कुटुम्बकम * भारत माता की जय

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